गैलेक्सी में महाविस्फोट से कांपा ब्रह्मांड, इतने में सूरज जैसे करोड़ों तारे बन जाएं

Cosmic Explosion 2024 News: वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में बड़े पैमाने पर गैस रिलीज होने का पता लगाया है. इस गैस का द्रव्यमान इतना ज्यादा है कि हमारे सूर्य जैसे पांच करोड़ तारे बन सकते हैं. रिसर्च के मुताबिक, यह गैस एक गैलेक्सी के केंद्र में हुए भया

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Cosmic Explosion 2024 News: वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में बड़े पैमाने पर गैस रिलीज होने का पता लगाया है. इस गैस का द्रव्यमान इतना ज्यादा है कि हमारे सूर्य जैसे पांच करोड़ तारे बन सकते हैं. रिसर्च के मुताबिक, यह गैस एक गैलेक्सी के केंद्र में हुए भयानक विस्फोट की वजह से रिलीज हुई. ऐसे धमाकों को 'गैस आउटफ्लो' कहते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह आउटफ्लो इतना बड़ा है कि प्रकाश को एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में 20,000 प्रकाश वर्ष लग जाएंगे. रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी में छपे रिसर्च पेपर के अनुसार, यह धमाका NGC 4383 के केंद्र में हुआ. NGC 4383 वर्गो क्लस्टर में मौजूद है. स्टडी के लीड रिसर्चर डॉ. एडम वॉट्स के मुताबिक, गैस आउटफ्लो तब होते हैं जब गैलेक्सी के कोर में भयानक धमाका होता है. इससे भारी मात्रा में गैस बाहर निकलती है. NGC 4383 में धमाके के बाद 4,47,000 मील प्रति घंटा से ज्यादा की रफ्तार से गैस निकली. इतनी गैस से हमारे सूर्य जितने द्रव्यमान वाले 5 करोड़ से ज्यादा तारे बन सकते हैं.

वैज्ञानिकों के अनुसार, गैस आउटफ्लो तब होता है जब किसी गैलेक्सी से भारी मात्रा में गैस अंतरिक्ष में छोड़ी जाती है. आमतौर पर इनके पीछे सुपरनोवा जैसे कॉस्मिक इवेंट होते हैं. इन गैस आउटफ्लो का अपनी गैलेक्सी पर बड़ा असर होता है. वे तारों के बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित कर सकते हैं. गैलेक्सी से गैस बाहर निकलने की वजह से नए तारों के बनने के लिए जरूरी मैटीरियल सीमित हो जाता है. इससे गैलेक्सी का विकास और रचना प्रभावित होती है. रिसर्चर्स के अनुसार, ऐसे गैस आउटफ्लो से आकाशगंगाओं के बीच जगह में तमाम भारी तत्व भर जाते हैं, जो तारों के भीतर बने होते हैं.

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अभी रिसर्च और चलेगी...

NGC 4383 में गैस आउटफ्लो की वजह उसके केंद्र में मौजूद तारों में धमाकों की वजह से हुआ बताया जाता है. इससे भारी मात्रा में हाइड्रोजन गैस व अन्य तत्व निकले. डॉ. वॉट्स के मुताबिक, 'हमें गैस आउटफ्लो की फिजिक्स के बारे में बेहद कम जानकारी है क्योंकि ऐसे आउटफ्लो को पकड़ पाना बहुत मुश्किल है.'

अपने रिसर्च पेपर में वैज्ञानिकों ने धमाके का हाई-रेजोल्यूशन मैप भी जारी किया है. वे इसकी मदद से समझना चाहते हैं कि कैसे केमिकल तत्वों ने आकाशगंगाओं के बीच जगह को प्रदूषित कर दिया है. वे गैस के नुकसान से आकाशगंगा पर पड़ने वाले असर को भी देखना चाहते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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